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सात वर्षो से कम सजा में जेल भेजना उचित नही लेबल वाली पोस्ट दिखाई जा रही हैं

कानून की इस महत्त्वपूर्ण जानकारी को वकील जनता तक पहुंचाएं- सुप्रीम कोर्ट

किसी नागरिक को जेल भेजते समय कई मजिस्ट्रेट अपने आदेश में लिखते हैं कि गुणावगुण पर टिप्पणी किए बिना जमानत प्रार्थना-पत्र निरस्त कर न्यायिक हिरासत में भेजना न्यायोचित समझता हूँ...        लेकिन 7 वर्ष या उससे कम सजा के आपराधिक प्रकरणों में यदि मजिस्ट्रेट ने ठोस कारण बताए बिना यांत्रिक तरीके से किसी नागरिक को पुलिस/न्यायिक हिरासत में भेजा तो मजिस्ट्रेट को नौकरी से हाथ भी धोना पड़ सकता है... सुप्रीम कोर्ट ने अपने हाल के एक निर्णय में कहा है कि- 1. मजिस्ट्रेटों की विफलता के कारण गिरफ्तारी की शक्तियां, उद्दंडता का प्रतीक बनकर, पुलिस के भ्रष्टाचार का एक लाभप्रद स्रोत बन गई है। 2. गिरफ्तारी किसी भी मनुष्य के लिए प्रताड़ना तथा स्वतंत्रता पर रोक है। गिरफ्तारी मनुष्य पर ऐसा धब्बा छोड़ती है जिसको वह कभी जीवन में भूल नहीं सकता है. 3. पुलिस अपनी सामंतवादी छवि से अपने आप को मुक्त नहीं कर पाई है, पुलिस अपने आप को जनसामान्य के मित्र के रूप में भी स्थापित नहीं कर पाई है और जनता के लिए उत्पीड़न का हथियार ही साबित हुई है मजिस्ट्रेसी की विफलता ने इस समस्या को विकराल रूप दे दिया है. 4. सात...