सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय के भीतर उप-वर्गीकरण (sub-classification) की अनुमति देने के संबंध में एक महत्वपूर्ण फैसला दिया है। यह फैसला एससी समुदाय के भीतर समानता सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय के भीतर उप-वर्गीकरण (sub-classification) की अनुमति देने के संबंध में एक महत्वपूर्ण फैसला दिया है। यह फैसला एससी समुदाय के भीतर समानता सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। ----------------------------------------------------------------------- सुप्रीम कोर्ट की सात न्यायाधीशों की खंड पीठ के उस फैसले का स्वागत होना चाहिए, जिसमें सामान्य अर्थो में एस सी वर्ग में अधिक पिछड़े तबके/वर्गों के लिए अलग कोटा देने के लिए अनुसूचित जाति के भीतर उप-वर्गीकरण की अनुमति दी है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में कहा कि अनुसूचित जाति श्रेणी समरूप नहीं है और अभावों के विभिन्न स्तरो और परिणामी पिछड़ेपन के कारण अंतर-श्रेणी भिन्नताएं मौजूद हैं। यह आम दीर्घकालिक समझ है और उप-वर्गीकरण की अनुमति देकर, सुप्रीम कोर्ट ने उन लोगों के लिए रास्ता खोल दिया है जो अधिक वंचित हैं और अभी तक एफरमेटिव एक्शन का लाभ पूरी तरह से प्राप्त नहीं कर पाए हैं। इस निर्णय और समाज तथा राजनीति पर इसके प्रभाव को असमानता, भेदभाव, पिछड़ेपन और प्रतिनिधित्व के उचित वैज्ञानिक म...