बोकारो कोर्ट परिसर में आज अधिवक्ताओ ने एड्वोकेट एक्ट में प्रस्तावित संसोधन के खिलाफ आज बोकारो समेत पूरे देश में अधिवक्ताओ ने अपने आप को न्यायिक कार्यो से अलग रख कर विरोध जताया। जिसके फलस्वरूप बोकारो कोर्ट में भी किसी प्रकार का न्यायिक कार्य आज नहीं हुआ। सैकरो मुवक्किल कोर्ट से लौटते देखे गय . बोकारो में अधिवक्ताओ ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की और कहा कि यदि सरकार अब भी नहीं मानेगी तो पूरे देश के अधिवक्ता अनिश्चित काल के लिए अपने आप को  न्याययिक कार्य से अलग रखने पर बिवस हो जायेंगे.इंडियन एसोसिएशन आॅफ लाॅयर्स के नेशनल  काउंसिल मेंबर अधिवक्ता रणजीत गिरि ने कहा कि केन्द्र सरकार अधिवक्ताओं के हित कि अनदेखी कर प्रस्वावित एडभाकेट एक्ट संसोधन बिल संसद में लाने जा रही है। जो किसी भी तरह से जायज नही है और प्रधान मंत्री, व वित्त मंत्री से मिलकर विधेयक को रदद करने का आग्रह किय जाएगा। गिरि ने कहा कि विधेयक के लागू होनें से वकिलों कि संस्थायें ऐसे लोगों के नियंत्रण में चले जाएगें जिनका वकालत से किसी प्रकार का संबध नही है।
उन्होंने कहा कि प्रस्तावित संषोधन विधेयक अव्यवहारिक है। इसमें बहस के दौरान यदि कोई अधिवक्ता उॅची आवाज में बहस करेगा तो वह अवमानना के श्रेणी मे आएगा। ऐसा कर अधिवक्ताओं का लाईसेंस भी रदद करने का प्रावधान है। साथ ही यदि अधिवक्ता का व्यवहार कोर्ट को ठिक नही लगा या याचिका दायर करने में कोई त्रुटि हुई तो अधिवक्ताओं का लोइसेंस भी रदद करने का प्रावधान लाया जा रहा है। मुव्वकिलों को यदि अधिवक्ताओं से षिकायत होगी तो इसके लिए अधिवक्ताओं पर जुर्माना भी आठ लाख रूपये तक लगाया जा सकता है।आज के इस  कार्यक्रम में बोकारो जिला अधिवक्ता संघ के महासचिव एम् के श्रीवास्तव, इंडियन एसोसिएशन ऑफ लॉयर्स के नेशनल कौंसिल मेंबर रणजीत गिरि, रजि अहमद, सफीक अंसारी, सुनील सिंह सिसोदिया, राम कुमार सिंह, नरेश महतो, सुनील चांडक, रबिन्द्र कुमार,एके मिश्रा, बिनोद कुमार, अजित ठाकुर,मोती लाल रजक, जी नारायण, रंजन कुमार मिश्रा, फटिक चंद्र सिंह, हरिवंश नारायण पोद्दार, बिनोद गुड़िया, डी एन सिंह,  समेत सैकड़ो अधिवक्ता शामिल थे।

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