फ्रांसीसी दपंती गोद लेगा बोकारो के अनाथालय की अनाथ बच्ची को- गिरि
बोकारोः प्रीयो इंफ्रा दंपती जो फ्रांस के रहने वाले है ने बोकारो में पल बढ रही अनाथ बच्ची अमृता(काल्पनीक नाम) को गोद लेने का फैसला लिया है। ज्ञात हो कि अमृता दिनांक 28.04.2010 को लावारिस हालत में धनबाद में पायी गई थी, जिसे लालन पालन के लिए कैलाष नगर, चास स्थित महिला जन स्वास्थय षिषु को सुपुर्द किया गया था। तब से बच्ची का लालन पालन अनाथालय द्वारा किया जा रहा है। 2012 में बाल कल्याण समिति ने उक्त बच्ची को वैधानिक रूप से गोद लेने हेतु मुक्त किया था। उक्त दंपती ने कारा के माध्यम से बोकारो कि अनाथ बच्ची को गोद लेने हेतु आवेदन दिया था, जिसे भारत सरकार ने स्वीकृति प्रदान करते हुए अग्रेतर कारवाई हेतु विषेष दत्तक ग्रहण एजेंसी बोकारो को निदेषित किया। संस्था ने भी अपनी स्वीकृति प्रदान करते हुए भारत सरकार व फ्रांसीसी प्रीयो इंफ्रा दंपती को अवगत करवा दिया है। कानूनी प्रक्रिया कि जानकारी देते हुए एजेंसी के विधि सलाहकार रणजीत गिरि ने बताया कि देख भाल व अनुश्रवण कि जिम्मेवारी फ्रांस स्थित भारतीय दूतावाष एवं आफा कि होती है। बीच बीच में एजेंसी के प्रतिनिधि फ्रांस में पल रहे बच्ची कि समय समय भौतिक सत्यापन कर रिर्पोट सौपेंगें। ये बोकारो के लिए गौरव कि बात हेै कि बोकारो में अनाथालय में पल रहे बच्चियों के लिए विदेषी भी दिलचस्पी लेने लगे है। एजेंसी में सेवा दे रहे सामाजिक कार्यकर्ताओं अनिता देवी, जेमनी कुमार, निगम कुमारी, रिंकी, निलम में भी ख़ुशी का संचार हुआ है कि एक अनाथ बच्ची को विदेष में अपना घर मिल रहा है।
विषेष दत्तक ग्रहण एजेंसी बोकारो के सचिव विनोद सौरभ ने कहा कि हमलोगों के लिए गौरव कि बात है कि अनाथालय से एक बच्ची विदेषी दंपती गोद लेकर उसका भविष्य संवारने का जिम्मा लिया है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार कि एजेंसी कारा ने 1 अगस्त 2015 से विदेषी दंपती भी अब बोकारो के अनाथालय से कानूनी प्रक्रिया का पालन करके षिषु गोद ले सकते है।
डाॅ पंकज कुमार, शिशु रोग बिशेसज्ञ बच्ची को शारीरिक रूप एंव मानसिक रूप से विदेश भेजने के लिए उपयुक्त पाया है।
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