भारत में वकीलों की हड़ताल पर प्रतिबंध
वकीलों की हड़ताल पर प्रतिबंध, बार काउंसिल में सरकारी नामांकित सदस्य जोड़ने के लिए विधि मंत्रालय करेगा अधिवक्ताओं अधिनियम में संशोधन विधि और न्याय मंत्रालय ने गुरुवार को अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक, 2025 का मसौदा प्रकाशित किया, जिस पर 28 फरवरी तक सुझाव मांगे गए हैं। केंद्र सरकार ने अधिवक्ता अधिनियम, 1961 में संशोधन का प्रस्ताव रखा है, जिसके तहत वकीलों द्वारा अदालतों का बहिष्कार और कार्य से विरत रहना निषिद्ध होगा। इसके अलावा, बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) में केंद्र सरकार द्वारा तीन सदस्यों को नामांकित करने का प्रावधान जोड़ा गया है। नया प्रावधान: वकीलों की हड़ताल पर रोक संशोधन में धारा 35A जोड़ी गई है, जिसमें कहा गया है: > "कोई भी अधिवक्ता संघ या उसका कोई सदस्य, या कोई अधिवक्ता, व्यक्तिगत रूप से या सामूहिक रूप से, अदालतों के काम का बहिष्कार करने, अदालतों के काम से विरत रहने, या किसी भी रूप में अदालतों के काम में बाधा डालने का आह्वान नहीं करेगा और न ही ऐसा करेगा।" इसका उल्लंघन करने पर दुर्व्यवहार (misconduct) माना जाएगा और अधिनियम तथा नियमों के तहत अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। ...