बिरसा के सपनों का झारखंड नही बन सका


बोकारोः धरती आबा बिरसा मुण्डा के 141 वीं जयंती बडे धुम धाम से नया मोड के बिरसा चौक पर उनके आदमकद प्रतिमा पर माल्यापर्ण कर किया गया। सर्वप्रथम आदिवासी रिति रिवाज से रामचन्द्र बिरूवा, करम सिंह सांडील, जर्मन सांडील, सुषील सोरेन ने संयुक्त रूप से पुजा अर्चना की और उन्हें श्रद्वाजंली दी। बोकारो स्टील प्लांट के सी ई ओ अनुतोष मैत्रा, इडी अतुल श्रीवास्तव समेत कई अधिकारियों ने फुल माला चढा कर बिरसा मुंडा को श्रद्धा सुमन अर्पित किया। माल्यापर्ण करने वालों में बोकारो के डी डी सी, जैप चार के कमांडेट नौसाद आलम, इंसपेक्टर सी एम हांसदा, ओ एन जी सी के आर बी सिंह, कल्याण सिंह, समेत सैकडो लोग षामिल थे। कार्यक्रम का संचालन रेंगों बिरूआ ने किया। भगवान बिरसा मुंडा जयंती आयोजन समिति के अध्यक्ष व सामाजिक कार्यकर्ता येगो पुर्ती ने कहा कि जो सपना बिरसा मुंडा ने झारखंड के लिए देखा था वह आजतक नहीं पूरा हो सका। सरकार हमारे परंपरागत क्षेत्रों पर हमला कर रही है और कॉरपोरेट सेक्टर को लूटने कि छूट दे रही है। अधिवक्ता रणजीत गिरि ने कहा कि भगवान बिरसा के वंषजो पर लगातार हमले जारी है और उनके हक के लिए लडने वाले लोगों को बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है। जल, जंगल, जमीन को सरकार कॉरपोरेट के हाथों बेचने पर आमादा है, और उनके लूट पर खुली छुट है। उसके लिए कानून में भी तबदीली कि जा रही है। सभा को महेष मुंडा, विनोद सिंह मुंडारी, संजय गगराई, राजीव मुंडा, खिरोधर मुर्मू, राजकुमार गोराई, सोपाई गोडसोरा, नंदकिषोर टुडू, मनोरंजन बोदरा, हराधन मरांडी, हिरालाल हांसदा, दिनेष बेसरा, प्रकाष मिश्र आदि लोगों ने भी संबोधित किया। आसस विद्यालय सांस्कृतिक दल, मुंडा समाज दल, गुरू-चेला सांस्कृतिक दल सुनता, बिरसा नगर सांस्कृतिक दल, बिरसा बासा सांस्कृतिक दल ने विभिन्न मनमोहक परंपरागत कार्यक्रम प्रस्तुत किया। चमरू बानरा एवं जितुआ मुंडा ने बिरसा मुंडा के जीवनी पर संगीत के माध्यम से प्रकाष डाला। इस अवसर पर आदिवासी समाज के विभिन्न विभूतियों को प्रस्ती पत्र देकर सम्मानीत किया गया।

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